
सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ --------------------...

सौर ऊर्जा से होने वाले लाभ --------------------------------------------- सौर ऊर्जा कभी खत्म न होने वाला संसाधन है और यह नवीकरणीय संसाधनों का सबसे बेहतर विकल्प है। सौर ऊर्जा वातावरण के लिये भी लाभकारी है। जब इसे उपयोग किया जाता है, तो यह वातावरण में कार्बन-डाइऑक्साइड और अन्य हानिकारक गैसें नहीं छोड़ती, जिससे वातावरण प्रदूषित नहीं होता। सौर ऊर्जा अनेक उद्देश्यों के लिये प्रयोग की जाती है, इनमें उष्णता, भोजन पकाने और विद्युत उत्पादन करने का काम शामिल है। सौर ऊर्जा को प्राप्त करने के लिये विद्युत या गैस ग्रिड की आवश्यकता नहीं होती है। एक सौर ऊर्जा निकाय को कहीं भी स्थापित किया जा सकता है। सौर उर्जा के पैनलों (सौर ऊर्जा की प्लेट) को आसानी से घरों में कहीं पर भी रखा जा सकता है। इसलिये, ऊर्जा के अन्य स्रोतों की तुलना में यह काफी सस्ता भी है। प्रयास योजना भारत सरकार ने देश की फोटोवोल्टिक क्षमता को बढ़ाने के लिये सोलर पैनल निर्माण उद्योग को 210 अरब रुपए की सरकारी सहायता देने की योजना बनाई है। PRAYAS-Pradhan Mantri Yojana for Augmenting Solar Manufacturing नामक इस योजना के तहत सरकार ने वर्ष 2030 तक कुल ऊर्जा का 40 प्रतिशत हरित ऊर्जा से उत्पन्न करने का लक्ष्य रखा है। अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन सोलर रूफटॉप योजना सरकार द्वारा ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप और छोटे सौर ऊर्जा संयंत्र कार्यक्रमों का भी क्रियान्वयन किया जा रहा है, जिनके तहत आवासीय, सामाजिक, सरकारी/पीएसयू और संस्थागत क्षेत्रों में सीएफए/प्रोत्साहन के ज़रिये 2100 मेगावाट की क्षमता स्थापित की जा रही है। इस कार्यक्रम के तहत सामान्य श्रेणी वाले राज्यों में आवासीय, संस्थागत एवं सामाजिक क्षेत्रों में इस तरह की परियोजनाओं के लिये बेंचमार्क लागत के 30 प्रतिशत तक और विशेष श्रेणी वाले राज्यों में बेंचमार्क लागत के 70 प्रतिशत तक केंद्रीय वित्त सहायता मुहैया कराई जा रही है। अन्य नीतिगत उपाय हरित ऊर्जा गलियारा परियोजना के माध्यम से बिजली पारेषण नेटवर्क का विकास। टैरिफ आधारित प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से सौर ऊर्जा की खरीद के लिये दिशा-निर्देश। रूफटॉप परियोजनाओं के लिये बड़े सरकारी परिसरों/भवनों की पहचान करना। स्मार्ट सिटी के विकास के लिये दिशा-निर्देशों के तहत रूफटॉप सोलर एवं 10 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा के प्रावधान को अनिवार्य बनाना। हेतु लिये भवन उपनियमों में संशोधन। सौर परियोजनाओं के लिये अवसंरचना दर्जा, करमुक्त सोलर बांड जारी करना तथा दीर्घकालिक ऋण उपलब्ध कराना। निष्कर्ष भारत में विगत एक दशक के दौरान बढ़ती आबादी, आधुनिक सेवाओं तक पहुँच, विद्युतीकरण की दर तेज होने और जीडीपी में वृद्धि की वजह से ऊर्जा की मांग तेज़ी से बढ़ी है और माना जाता है कि इसे पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के बजाय सौर ऊर्जा के ज़रिये आसानी से पूरा किया जा सकता है। देश की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करने के लिये न केवल बुनियादी ढाँचा मज़बूत करने की ज़रूरत है, बल्कि ऊर्जा के नए स्रोत तलाशना भी ज़रूरी है। ऐसे में, सौर ऊर्जा क्षेत्र भारत के ऊर्जा उत्पादन और मांगों के बीच की बढ़ती खाई को बहुत हद तक पाट सकता है। Regards Future Green Power Solutions Pvt. Ltd Mr. Ajit singh 7597271656
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